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Saturday, May 18, 2013

meri aankhon ne tujhe chaahaaa

मेरी आँखों ने तुझे चाहा हरदम ,
पलकों ने जमाने से छुपाया हरदम ।
कोई तुझे देख ना ले मेरी आँखों में ,
डर से , आँखों को बंद रखा हरदम ।

नहीं चाहते किसी की रुसवाई हो जमाने में ,
कोई बेवजह बदनाम हो ,चाहत के अफ़सानो में ।
इसीलिए आँखें  बंद रखते  हैं  हरदम ,
कोई पढ़ न ले उसकी चाहत मेरी आँखों में ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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