तेरे ख्यालों में मैं रात भर ना सोया ,
पलकों में छुपा मोती चुपचाप रोया ।
तू समझती रही पत्थर दिल मुझको ,
तेरी रुसवाई से डर ,सब कुछ खोया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०
पलकों में छुपा मोती चुपचाप रोया ।
तू समझती रही पत्थर दिल मुझको ,
तेरी रुसवाई से डर ,सब कुछ खोया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०
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