प्रिय मित्रों ,कृपया इस पत्र की प्रति माननीय मुख्य मंत्री जी को प्रेषित
करने की कृपा करें ताकि उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान को गरिमा मयी बनाया जा
सके ।
धन्यवाद
एक पत्र माननीय श्री अखिलेश यादव जी के नाम ....
सेवा में ,
श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री , उत्तर प्रदेश
एवं अध्यक्ष -उ . प्र . हिंदी संस्थान
लखनऊ
विषय :----उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की कार्य शैली में बदलाव लाने का अनुरोध
मान्यवर ,
उक्त सन्दर्भ में आपकी सेवा में उत्तर प्रदेश साहित्यकार स्वाभिमान समिति के प्रादेशिक संयोजक श्री उमा शंकर मिश्र द्वारा प्रेषित सुझाव पत्रों दिनांक ०९ -२ तथा २३ ० २ -२ ० १ ३ के सन्दर्भ में आपके स्तर पर दिए गए समुचित निर्देश पर निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का पत्र दिनांक १ १ -४ -१ ३ प्राप्त हुआ है ।
जैसा कि आपको हमारे पूर्व पत्रों से भी सूचित किया गया था कि मात्र उत्तर प्रदेश में हिंदी के सम्मान अन्य राज्यों के साहित्यकारों को प्रदान किये जाते हैं तथा यहाँ के साहित्यकारों की उपेक्षा की जाती है । जिसके कारण प्रदेश के साहित्यकारों में घोर निराशा व्याप्त है ।
इस सम्बन्ध में आपसे पुन्ह निवेदन है की संस्थान के अध्यक्ष होने के नाते आप कार्यकारिणी समिति की बैठक यथा शीघ्र बुलायें । साथ ही साथ यदि आप उचित समझें तो उस बैठक में उत्तर प्रदेश साहित्यकार स्वाभिमान समिति के सदस्यों /पदाधिकारियों को भी अपनी बात विस्तार से रखने के लिए आमंत्रित करें तो एक सार्थक निर्णय लिया जाना संभव होगा ।
आपके थोड़े से प्रयास से उत्तर प्रदेश के साहित्यकार तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान गौरवपूर्ण इतिहास रचाने में सक्षम होंगे ।
धन्यवाद्
भवदीय
डॉ अ कीर्तिवर्धन
सदस्य
० ८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०
धन्यवाद
एक पत्र माननीय श्री अखिलेश यादव जी के नाम ....
सेवा में ,
श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री , उत्तर प्रदेश
एवं अध्यक्ष -उ . प्र . हिंदी संस्थान
लखनऊ
विषय :----उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की कार्य शैली में बदलाव लाने का अनुरोध
मान्यवर ,
उक्त सन्दर्भ में आपकी सेवा में उत्तर प्रदेश साहित्यकार स्वाभिमान समिति के प्रादेशिक संयोजक श्री उमा शंकर मिश्र द्वारा प्रेषित सुझाव पत्रों दिनांक ०९ -२ तथा २३ ० २ -२ ० १ ३ के सन्दर्भ में आपके स्तर पर दिए गए समुचित निर्देश पर निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का पत्र दिनांक १ १ -४ -१ ३ प्राप्त हुआ है ।
जैसा कि आपको हमारे पूर्व पत्रों से भी सूचित किया गया था कि मात्र उत्तर प्रदेश में हिंदी के सम्मान अन्य राज्यों के साहित्यकारों को प्रदान किये जाते हैं तथा यहाँ के साहित्यकारों की उपेक्षा की जाती है । जिसके कारण प्रदेश के साहित्यकारों में घोर निराशा व्याप्त है ।
इस सम्बन्ध में आपसे पुन्ह निवेदन है की संस्थान के अध्यक्ष होने के नाते आप कार्यकारिणी समिति की बैठक यथा शीघ्र बुलायें । साथ ही साथ यदि आप उचित समझें तो उस बैठक में उत्तर प्रदेश साहित्यकार स्वाभिमान समिति के सदस्यों /पदाधिकारियों को भी अपनी बात विस्तार से रखने के लिए आमंत्रित करें तो एक सार्थक निर्णय लिया जाना संभव होगा ।
आपके थोड़े से प्रयास से उत्तर प्रदेश के साहित्यकार तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान गौरवपूर्ण इतिहास रचाने में सक्षम होंगे ।
धन्यवाद्
भवदीय
डॉ अ कीर्तिवर्धन
सदस्य
० ८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०
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