अपने गुनाहों का दोष , बादलों को ना दीजिये ,
नदियों के रास्ते में , रुकावटें ना कीजिये ।
अपने स्वार्थ में काट काट कर वन-वृक्ष सारे ,
पहाड़ों -पर्वतों के तन को , नंगा ना कीजिये ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
नदियों के रास्ते में , रुकावटें ना कीजिये ।
अपने स्वार्थ में काट काट कर वन-वृक्ष सारे ,
पहाड़ों -पर्वतों के तन को , नंगा ना कीजिये ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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