अश्क बनकर मेरी आँखों से बहने वाले ,
इन अश्कों में तेरा दीदार तो कर सकता हूँ ,
जिस्म दूर सही , रूह तो दूर नहीं ,
तुम्हे पा ना सकूँ ,प्यार तो कर सकता हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
इन अश्कों में तेरा दीदार तो कर सकता हूँ ,
जिस्म दूर सही , रूह तो दूर नहीं ,
तुम्हे पा ना सकूँ ,प्यार तो कर सकता हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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