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Saturday, June 29, 2013

fursat ke lamhe

फुर्सत के लम्हे जो हमने उधार मांगे थे ,
हम आज भी उनका इन्तिज़ार करते हैं ।
उम्र लिख दी तुमने नाम हमारे , लेकिन ,
तुम्हारे साथ एक-एक लम्हे को तरसते हैं ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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