मुझको खबर है मौत की ,१०० बरस तक रहूंगा ,
ज़िंदा हूँ जब तलक ,उसकी फ़िक्र तक न करूंगा ।
करता हूँ इकट्ठा इसीलिए, सामान १०० बरस का,
कोई और भोग लेगा ,जब दुनिया में मैं न रहूंगा ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
ज़िंदा हूँ जब तलक ,उसकी फ़िक्र तक न करूंगा ।
करता हूँ इकट्ठा इसीलिए, सामान १०० बरस का,
कोई और भोग लेगा ,जब दुनिया में मैं न रहूंगा ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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