तांडव
असमान उतरा नीचे
दमदम बाजे डमरू
थयथय शिवा का तांडव
हिल राहा है मेरू
अंधेरे को काट रहै सौदामिनी के शूल
पारवती के आंखो रुद्र कि नीली भूल
तुफानी बहानेसे गंगा राहे
बाहोमे मे चंद्र को लेकर पुरी करती अपनी चाह
मदन का भस्म करके
रुद्र हो गया शांत
धरणी माताके आचल मे
सब एक हो गाय आसमंत
नरेन.................
असमान उतरा नीचे
दमदम बाजे डमरू
थयथय शिवा का तांडव
हिल राहा है मेरू
अंधेरे को काट रहै सौदामिनी के शूल
पारवती के आंखो रुद्र कि नीली भूल
तुफानी बहानेसे गंगा राहे
बाहोमे मे चंद्र को लेकर पुरी करती अपनी चाह
मदन का भस्म करके
रुद्र हो गया शांत
धरणी माताके आचल मे
सब एक हो गाय आसमंत
नरेन.................
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