तेरे खफा होने और मेरे रूठने में फर्क इतना सा है .......
तुम खफा होती हो तो मैं तुम्हे मनाने आता हूँ ,
मैं अगर रूठता हूँ तो खुद ही मान जाता हूँ ।
तेरे प्यार में इस कदर पागल हुआ है ये दिल ,
तेरी बेवफाई पर भी , वफ़ा लुटाता जाता हूँ ।
लाख छुपाता हूँ दर्द को सीने में अपने ,
कभी छलक गया तो "दिखावा "बताया जाता हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
तुम खफा होती हो तो मैं तुम्हे मनाने आता हूँ ,
मैं अगर रूठता हूँ तो खुद ही मान जाता हूँ ।
तेरे प्यार में इस कदर पागल हुआ है ये दिल ,
तेरी बेवफाई पर भी , वफ़ा लुटाता जाता हूँ ।
लाख छुपाता हूँ दर्द को सीने में अपने ,
कभी छलक गया तो "दिखावा "बताया जाता हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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