अमावस्या के बाद पूर्णिमा आती है ,
वही हमको जीने का हौसला दिलाती है ।
कौन डरता है भ्रष्ट और लुटेरों से यहाँ ,
रोशनी की एक किरण अन्धेरा भगाती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
वही हमको जीने का हौसला दिलाती है ।
कौन डरता है भ्रष्ट और लुटेरों से यहाँ ,
रोशनी की एक किरण अन्धेरा भगाती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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