दौर ए मोहब्बत कभी ख़त्म नहीं हो पायेगा ,
बस इश्क करने का अंदाज़ बदल जाएगा ।
नहीं महकेंगे ख़त , अब गुलाबों की तरह ,
ख़त लिखने का चलन ही ख़त्म हो जाएगा ।
आशिक नहीं देंगे जान , माशूक की खातिर ,
माशूक का दिल किसी और पे आ जाएगा ।
मोहब्बत की तराजू में दौलत का चलन है,
गरीबी में आशिक , बेमौत मारा जाएगा ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
बस इश्क करने का अंदाज़ बदल जाएगा ।
नहीं महकेंगे ख़त , अब गुलाबों की तरह ,
ख़त लिखने का चलन ही ख़त्म हो जाएगा ।
आशिक नहीं देंगे जान , माशूक की खातिर ,
माशूक का दिल किसी और पे आ जाएगा ।
मोहब्बत की तराजू में दौलत का चलन है,
गरीबी में आशिक , बेमौत मारा जाएगा ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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