गैरों के घर जाओ तो दस्तक देना जरुरी है ,
अपने घर आने के लिए दस्तक नहीं होती ।
तुम्हे चाहा ,अपना बनाया , दिल में बसाया ,
प्यार में गुस्ताखी की कोई सज़ा नहीं होती ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
अपने घर आने के लिए दस्तक नहीं होती ।
तुम्हे चाहा ,अपना बनाया , दिल में बसाया ,
प्यार में गुस्ताखी की कोई सज़ा नहीं होती ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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