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Tuesday, July 30, 2013

jo baat jubaan kah na saki

जो बात जुबाँ कह ना सकी , नज़रों ने कह दिया ,
राज छुपाना चाहा , लरजते अधरों ने कह दिया ।
दिल को बहुत समझाया , जज्बात में ना बहक ,
धड़कनों ने धड़क कर , हाल ऐ  दिल कह दिया ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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