जो बात जुबाँ कह ना सकी , नज़रों ने कह दिया ,
राज छुपाना चाहा , लरजते अधरों ने कह दिया ।
दिल को बहुत समझाया , जज्बात में ना बहक ,
धड़कनों ने धड़क कर , हाल ऐ दिल कह दिया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
राज छुपाना चाहा , लरजते अधरों ने कह दिया ।
दिल को बहुत समझाया , जज्बात में ना बहक ,
धड़कनों ने धड़क कर , हाल ऐ दिल कह दिया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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