सभी दल बदलू दूसरी पार्टी में जाने पर ...
वो खुद को गद्दार नहीं , अवसरवादी बताते हैं ,
यानी शब्दों के खेल में असलियत छुपाते हैं ।
कहते हैं दम घुट रहा था ,वहाँ सब गोलमाल था ,
शब्दों का मकडजाल ,अपनी अहमियत जताते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
वो खुद को गद्दार नहीं , अवसरवादी बताते हैं ,
यानी शब्दों के खेल में असलियत छुपाते हैं ।
कहते हैं दम घुट रहा था ,वहाँ सब गोलमाल था ,
शब्दों का मकडजाल ,अपनी अहमियत जताते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment