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Monday, September 23, 2013

apne tajurbaat pe parakhkar sach ko kahanaa

अपने तजुर्बात पे परखकर सच को कहना ,
सियासतदानों की बात पे इंतकाम मत लेना ।
कमीने-कमजर्फ , लाशों की सियासत  करते हैं ,
मजहबी जूनून में , पडोसी पे आघात न करना ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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