बांटने का रिवाज यहाँ कभी नहीं ख़त्म होगा ,
हाँ !प्यार की जगह , नफरतों का दौर होगा ।
तैयार बैठे हैं भेडिये , सफेदपोश बनकर यहाँ ,
मुल्क को बांटना ही ,इनका अगला दौर होगा ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
हाँ !प्यार की जगह , नफरतों का दौर होगा ।
तैयार बैठे हैं भेडिये , सफेदपोश बनकर यहाँ ,
मुल्क को बांटना ही ,इनका अगला दौर होगा ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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