Pages

Followers

Saturday, September 21, 2013

baantane ka rivaz

बांटने का रिवाज यहाँ कभी नहीं ख़त्म होगा ,
हाँ !प्यार की जगह , नफरतों का दौर होगा ।
तैयार बैठे हैं भेडिये , सफेदपोश बनकर यहाँ ,
मुल्क को बांटना ही ,इनका अगला दौर होगा ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

No comments:

Post a Comment