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Monday, September 16, 2013

मुज़फ्फरनगर में हालिया दंगों के दौरान समाचारों की विडियोग्राफी व समाचार संकलन के दौरान I B N -7 के पत्रकार श्री राजेश वर्मा की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी । दिनांक 16 सितम्बर को उनकी तेरहवी पर शोक सभा है । उनकी इस सहादत और वर्तमान सियासत को देखते -समझते हुए , उन्हें समर्पित मेरी शब्द पुष्प -------

उठायी थी कलम तुमने , तमन्ना कुछ कर गुजरने की ,
अन्धेरे पस्त करने की , चाहत नए जमाने की ।

कर्तव्य पथ पर बढ़ रहे थे , कैमरे पर दरिन्दे थे ,
पड़ी थी गोली सीने पर , सियासी मेहरबानों की ।

उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता , जो सत्ता के लुटेरे हैं ,
तुम हो या कोई जाए , फ़िक्र टी आर पी बढाने की ।

दे कर कुछ रुपये पैसे , जान की कीमत लगाते हैं ,
रहनुमाओं की कोशिश , सच्चाई को छुपाने की ।

करेंगे आज कल दौरा , कहीं हमदर्दी जताएंगे ,
जिन्होंने कलम को मारा , चिंता उन्हें बचाने की ।

कहाँ से बन्दूक बम आये , किसने साजिश रचायी थी ,
नहीं अमन का कोई वादा , बस वफ़ा उनसे निभाने की ।

कौन मरे , कितने मरे , निहत्थों को कहाँ मारा ,
तुम्हे मारने का मकसद ,कोशिश सच्चाई को दबाने की ।

भड़की है जो चिंगारी , वह शोला बनकर दहकेगी ,
कलम कभी मिटती नहीं , लाख कोशिश मिटाने की ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

2 comments:

  1. करेंगे आज कल दौरा , कहीं हमदर्दी जताएंगे ,
    जिन्होंने कलम को मारा , चिंता उन्हें बचाने की ..

    सहमत आपकी एक एक पंक्ति से ... नमन है कलम कैमरे के इस सिपाही को ...

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