हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है , और संस्कृति की थाती है
संस्कृत की छोटी बहना है , जन जन को यह भाती है ।
जैसा लिखा ,वही है पढ़ना, जो बोलो वैसा ही लिखना
नहीं शांत इसमें अक्षर हैं, देव नागरी यह कहलाती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
संस्कृत की छोटी बहना है , जन जन को यह भाती है ।
जैसा लिखा ,वही है पढ़ना, जो बोलो वैसा ही लिखना
नहीं शांत इसमें अक्षर हैं, देव नागरी यह कहलाती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
खुबसूरत रुबाई
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