इसी भ्रम में उम्र गुजार दी मैंने ,
कुछ पल ही सही ,प्यार से देखा था तूने ।
सी लिया होठों को , उफ़ तक ना की ,
मोहब्बत बदनाम ना हो , चाहा था हमने ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
कुछ पल ही सही ,प्यार से देखा था तूने ।
सी लिया होठों को , उफ़ तक ना की ,
मोहब्बत बदनाम ना हो , चाहा था हमने ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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