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Saturday, September 28, 2013

rajniti

      राजनीति

आज देश में शासन , कुशासन हो गया है ,
सत्ता का केंद्र  , भ्रष्ट दुशासन हो गया है।

धृतराष्ट्र तो मात्र आँख से अंधे ही थे ,
दुशासन का तो चरित्र ही गंदा हो गया है।

दुर्योधन को तो बस सत्ता ही चाहिए थी ,
धर्म जाति में बाँटना , धंधा हो गया है।

कर्ण को भी अंग प्रदेश का राजा बना दिया ,
स्वार्थ में उसका भी मुँह बन्द हो गया है।

भीष्म व विदुर नीति के ज्ञाता है ,
सत्ता सुख का उनको भी चस्का हो गया है।

पाण्डव बेचारे तो अल्पमत विपक्ष हैं ,
हर बात का विरोध दर्शाना , काम हो गया है।

नियम , कानून सब बदल गए हैं ,
गुरु द्रोण का धर्म , अधर्म हो गया है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
विद्या लक्ष्मी एन्क्लेव
53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर -251001
08265821800




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