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Sunday, October 6, 2013

mahilaa mukti

कल एक पत्रिका की संपादिका  ने मुझसे पूछा कि ऐसे क्या कारण हैं कि समाज में कड़े कानून बनाने के बाद भी महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं ? दूसरी बात उन्होंने यह भी कही कि इसके पीछे पुरुष मानसिकता , पितृ सत्ता का कितना आधार है और महिलाओं की उन्मुक्त शैली में जीने की कोशिश का कितना योगदान कहा जा सकता है ?
मेरा मानना है कि संस्कार और संस्कृति से बिखराव ,दुराव ही इसका सबसे प्रमुख कारण है । आज़ादी के नाम पर सबसे ज्यादा आज़ादी हमने अपने संस्कार , सभ्यता व संस्कृति से ही ली है । आज हमारे बच्चों पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है , हम अपने स्वार्थ व अहंकार अथवा मजबूरी में उनकी हर गलत बात का भी समर्थन करते हैं । आज सबका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना रह गया है , नैतिकता का उसके लिए कोई महत्त्व नहीं है । आधुनिकता के नाम पर दिखावे की आदत ने ना तो हमें कहीं का भी नहीं छोड़ा और ना ही हमारी मानसिकता विदेशियों जैसी बन सकी , । और भी बहुत से कारण हैं , मैं चाहता हूँ कि आप लोग भी इस विषय पर सार्थक बहस करें और अपने विचारों से अवगत कराएं ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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