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Thursday, October 3, 2013

prarthanaa- subah sawere

मेरी बाल कविता पुस्तक “ सुबह सवेरे “ जिसका मैथिलि भाषा में अनुवाद डाक्टर योगानंद झा जी द्वारा किया गया है , से बच्चों के लिए लिखी प्रार्थना। …….

विनती हमारी सुनो भगवान ,
शरणागत तुम हमको जान ,
विद्या का दो हमको दान ,
मानवता हो निज पहचान ।

जीवन में कुछ कर दिखलायें ,
मानवता को धर्म बनाएं ,
कृपा सिन्धु हो दया तुम्हारी ,
परोपकारी हम बन जाएँ ।

श्रवण सा हमें भक्त बना दो ,
एकलव्य सी गुरु भक्ति सीखा दो ,
शिक्षा के हम दीप जलाएं ,
ऐसी हममे चाह जगा दो ।

नफरत को भी जड़ से मिटा दें ,
जन जन में हम प्यार जगा दें ,
हे कृपालु , हे दया निधान ,
ऐसी हमको राह बता दें ।

मात पिता का आदर सीखें ,
राष्ट्र भक्ति की बातें सीखें ,
अमन चैन के दीप जलें ,
ऐसे हर पल सपने देखें ।

दुर्गा से हम शक्तिवान हों ,
दुष्टों का संहार करें ,
कृष्ण सा हमको ज्ञान दिला दो ,
गीता का प्रचार करें ।

महावीर से बनें अहिंसक ,
पशु पक्षियों से प्यार करें ,
शान्ति के भी बने पक्षधर ,
बुद्ध मार्ग पर गमन करें ।

राणा और शिवाजी सा
शौर्य भरा हो जीवन में ,
शत्रु से ना कभी डरें हम ,
शक्ति भरो तुम अंग अंग में ।

धरती गगन और पाताल में ,
विजय ध्वज फहराएं हम ,
मात पिता और गुरु जनों के ,
सपनों को साकार करें हम ।

कर्मयोग को आगे लाकर ,
फल की कभी ना चाह जगे ,
बुद्धि योग को साथ मिलाकर ,
बस सेवा का भाव जगे ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
विद्या लक्ष्मी निकेतन
53 महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर-251001 ( उत्तर प्रदेश )
08265821800


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