मेरी बाल कविता पुस्तक “ सुबह सवेरे “ जिसका मैथिलि भाषा में अनुवाद डाक्टर योगानंद झा जी द्वारा किया गया है , से बच्चों के लिए लिखी प्रार्थना। …….
विनती हमारी सुनो भगवान ,
शरणागत तुम हमको जान ,
विद्या का दो हमको दान ,
मानवता हो निज पहचान ।
जीवन में कुछ कर दिखलायें ,
मानवता को धर्म बनाएं ,
कृपा सिन्धु हो दया तुम्हारी ,
परोपकारी हम बन जाएँ ।
श्रवण सा हमें भक्त बना दो ,
एकलव्य सी गुरु भक्ति सीखा दो ,
शिक्षा के हम दीप जलाएं ,
ऐसी हममे चाह जगा दो ।
नफरत को भी जड़ से मिटा दें ,
जन जन में हम प्यार जगा दें ,
हे कृपालु , हे दया निधान ,
ऐसी हमको राह बता दें ।
मात पिता का आदर सीखें ,
राष्ट्र भक्ति की बातें सीखें ,
अमन चैन के दीप जलें ,
ऐसे हर पल सपने देखें ।
दुर्गा से हम शक्तिवान हों ,
दुष्टों का संहार करें ,
कृष्ण सा हमको ज्ञान दिला दो ,
गीता का प्रचार करें ।
महावीर से बनें अहिंसक ,
पशु पक्षियों से प्यार करें ,
शान्ति के भी बने पक्षधर ,
बुद्ध मार्ग पर गमन करें ।
राणा और शिवाजी सा
शौर्य भरा हो जीवन में ,
शत्रु से ना कभी डरें हम ,
शक्ति भरो तुम अंग अंग में ।
धरती गगन और पाताल में ,
विजय ध्वज फहराएं हम ,
मात पिता और गुरु जनों के ,
सपनों को साकार करें हम ।
कर्मयोग को आगे लाकर ,
फल की कभी ना चाह जगे ,
बुद्धि योग को साथ मिलाकर ,
बस सेवा का भाव जगे ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
विद्या लक्ष्मी निकेतन
53 महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर-251001 ( उत्तर प्रदेश )
08265821800
No comments:
Post a Comment