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Sunday, November 3, 2013

ham kitane dharmnirpeksh hain ?

हम कितने धर्मनिरपेक्ष हैं ?

जब भी ईद , क्रिसमस, बड़ा दिन या कोई भी अन्य धर्म के मित्रों का पर्व आता है तो हमारे सारे हिन्दू भाई उन्हें बधाई / शुभकामनाएं देते हैं और यह हिन्दू धर्म के नियमों के अनुसार भी

अपने धर्म का आदर करना मानव कि पहचान है
गैरों को भी आदर देना , धर्म का यह पैगाम है ।

यह उचित है ।  सवाल यह है कि जो लोग सबके धर्म को आदर सम्मान दें ,उन पर ही धर्मनिरपेक्ष ना होने का आरोप लगता है । मेरी इस पोस्ट को लिखने तक ,मेरे भी अनेक मुस्लिम व ईसाई मित्रों को यह नहीं लगा कि दीपावली जैसे महान राष्ट्रीय पर्व पर हिंदुओं को शुभकामनाएं देते ।  शायद उनके धर्मों में यह बताया ही नहीं जाता हो कि दूसरे के धर्मों का सम्मान करो ?

सवाल यह है कि किसी की शुभकामना देने से किसी का कोई हानि या लाभ सीधे हो या ना हो मगर इससे भाई चारे की मिसाल बनती है ।

जय भारत -जय भारती

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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