मुक्तक
रात के बाद, सुबह का उजाला होगा,
गहन तम, सूरज का निवाला होगा।
थकने के बाद विश्राम अतिआवश्यक,
सुबह उठने पर, जोश निराला होगा।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
विद्यालक्ष्मी निकेतन
53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर -251001
8265821800
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