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Thursday, November 14, 2013

muktak ujaalaa

मुक्तक



रात के बाद, सुबह का उजाला होगा,
गहन तम, सूरज का निवाला होगा।
थकने के बाद विश्राम अतिआवश्यक,
सुबह उठने पर, जोश निराला होगा।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
विद्यालक्ष्मी निकेतन
53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर -251001
8265821800

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