दोस्तों सादर नमस्कार,
आज सुबह ही जबलपुर से वापस आया हूँ। आप सबकी शुभकामनाओं से मेरी यात्रा बहुत ही सुखद रही। आथर्स गिल्ड का कार्यक्रम भी भव्य ,गरिमापूर्ण रहा साथ ही अनेकों नए व पुराने मित्रों से मिलाने का सौभाग्य भी मिला। अनेक मित्रों की पुस्तकें प्राप्त हुई और अनेक पत्रिकाओं की भी प्राप्ति हुई।
इसी कार्यक्रम के दौरान हमारे कुछ पुराने मित्र भी वहाँ पर मुझसे मिलने आये, जिन्हे अपने पास पाकर प्रसन्नता व स्वयं पर गौरव का अनुभव भी हुआ। उनमे से प्रमुख थे श्री कुँवर प्रेमिल, जिन्होंने अपनी पुस्तक " आशंकाओं के नागपाश " मुझे प्रदान की। बहुत ही आभारी हूँ प्रेमिल जी का।
इसी कड़ी में मेरे पूर्व मित्र श्री अशोक आनन्द जी से भेंट हुई। उनकी विनम्रता का मैं सदा ही कायल रहा हूँ। अशोक जी ने 28 , 29 तथा 30 तीनो ही दिन अपना सम्पूर्ण समय मुझे प्रदान किया , मैं उनके स्नेह के सामने नतमस्तक हु। एक बात और बता दूँ श्री अशोक जी यानि श्री ए के राय जी ने चन्द्र वंश पर बहुत बड़ा काम किया है , आपने भगवन कार्टविर्यार्जुन पुराण के 5 खंड तैयार किये हैं अर्थात 2500 पेज का संकलन और सम्पादन का जटिल कार्य। मैं अपने बड़े भाई अशोक जी को नमन करता हूँ।
इसी यात्रा के दौरान हमारे एक अन्य मित्र ने तो मुझे अचानक कार्यक्रम में उपस्थित होकर चौंका ही दिया , वह थे भाई विजय तिवारी "किसलय" जो एक साहित्यिक संस्था "वृतिका " के महामंत्री भी हैं। विजय जी ने तो अपनी संस्था वृतिका में हमारे सम्मान में एक गोष्ठी का भी आयोजन कर दिया। भव्य आयोजन, अनेक साहित्यिक मित्रों की भागीदारी ,कवी सम्मलेन और हमारा भव्य सम्मान ,मैं नतमस्तक हूँ अपने मित्र व भाई विजय के इस स्नेह के सम्मुख। इस कार्यक्रम में एक बहुत ही प्रेरणादायक कार्यक्रम की अगर चर्चा न करूँ तो मेरा कथन अधूरा ही रहेगा और वह यह कि "वृतिका " द्वारा प्रत्येक माह में अपने सदस्यों के जन्मदिन को मनाने का अनोखा अंदाज़ देखने को मिला, जिस सदस्य का जन्मदिन होता है उसकी फोटो व कविता का एक सुन्दर बैनर बनाया जता है और वह पुरे माह आम लोगों के पढने के लिये लगा रहता है। बधाई वृतिका के सभी सदस्यों को और उन सभी मित्रों का हृदय से आभार जिन्होंने वहाँ पर उपस्थित होकर हमारा भी हौसला व गौरव बढ़ाया। कुछ सदस्यों द्वारा अपनी पुस्तकें भी प्रदान की गई , उन सभी को नमन।
मित्रों जबलपुर की बहुत सी यादें हैं उन्हें आपसे साझा करता रहूंगा , पुनः सभी जबलपुर के साथियों को नमन।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
नव वर्ष सन्देश
मानव जीवन में कुछ पल हैं, उनका आलिंगन कर लें हम,
नववर्ष 2014 का “कीर्ति”, आओ अभिनन्दन कर लें हम।
संवादों को आधार बनाकर, मानवता जीवन में भर लें,
नववर्ष सन्देश यही है, राष्ट्र प्रेम में अंग-अंग रंग लें हम।
भ्रष्ट आचरण दूर करें, और शिक्षा के दीप जलाएं ,
अज्ञान को जड़ मिटाकर, शिक्षित देश बनाएँ हम।
बुद्धियोग को साथ मिलाकर, कर्म प्रधान बनाएँ,
गीता का है सार यही, जन-जन को आज बताएं हम।
बेटा-बेटी एक समान, दोनों हैं अपनी संतान,
संस्कारों की शिक्षा देकर, भारत का मान बढ़ायें हम।
भ्रूण हत्या, दहेज़ समस्या, इनसे घटता देश का मान,
नव वर्ष में यह सन्देश, घर घर तक पहुंचायें हम।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
आज सुबह ही जबलपुर से वापस आया हूँ। आप सबकी शुभकामनाओं से मेरी यात्रा बहुत ही सुखद रही। आथर्स गिल्ड का कार्यक्रम भी भव्य ,गरिमापूर्ण रहा साथ ही अनेकों नए व पुराने मित्रों से मिलाने का सौभाग्य भी मिला। अनेक मित्रों की पुस्तकें प्राप्त हुई और अनेक पत्रिकाओं की भी प्राप्ति हुई।
इसी कार्यक्रम के दौरान हमारे कुछ पुराने मित्र भी वहाँ पर मुझसे मिलने आये, जिन्हे अपने पास पाकर प्रसन्नता व स्वयं पर गौरव का अनुभव भी हुआ। उनमे से प्रमुख थे श्री कुँवर प्रेमिल, जिन्होंने अपनी पुस्तक " आशंकाओं के नागपाश " मुझे प्रदान की। बहुत ही आभारी हूँ प्रेमिल जी का।
इसी कड़ी में मेरे पूर्व मित्र श्री अशोक आनन्द जी से भेंट हुई। उनकी विनम्रता का मैं सदा ही कायल रहा हूँ। अशोक जी ने 28 , 29 तथा 30 तीनो ही दिन अपना सम्पूर्ण समय मुझे प्रदान किया , मैं उनके स्नेह के सामने नतमस्तक हु। एक बात और बता दूँ श्री अशोक जी यानि श्री ए के राय जी ने चन्द्र वंश पर बहुत बड़ा काम किया है , आपने भगवन कार्टविर्यार्जुन पुराण के 5 खंड तैयार किये हैं अर्थात 2500 पेज का संकलन और सम्पादन का जटिल कार्य। मैं अपने बड़े भाई अशोक जी को नमन करता हूँ।
इसी यात्रा के दौरान हमारे एक अन्य मित्र ने तो मुझे अचानक कार्यक्रम में उपस्थित होकर चौंका ही दिया , वह थे भाई विजय तिवारी "किसलय" जो एक साहित्यिक संस्था "वृतिका " के महामंत्री भी हैं। विजय जी ने तो अपनी संस्था वृतिका में हमारे सम्मान में एक गोष्ठी का भी आयोजन कर दिया। भव्य आयोजन, अनेक साहित्यिक मित्रों की भागीदारी ,कवी सम्मलेन और हमारा भव्य सम्मान ,मैं नतमस्तक हूँ अपने मित्र व भाई विजय के इस स्नेह के सम्मुख। इस कार्यक्रम में एक बहुत ही प्रेरणादायक कार्यक्रम की अगर चर्चा न करूँ तो मेरा कथन अधूरा ही रहेगा और वह यह कि "वृतिका " द्वारा प्रत्येक माह में अपने सदस्यों के जन्मदिन को मनाने का अनोखा अंदाज़ देखने को मिला, जिस सदस्य का जन्मदिन होता है उसकी फोटो व कविता का एक सुन्दर बैनर बनाया जता है और वह पुरे माह आम लोगों के पढने के लिये लगा रहता है। बधाई वृतिका के सभी सदस्यों को और उन सभी मित्रों का हृदय से आभार जिन्होंने वहाँ पर उपस्थित होकर हमारा भी हौसला व गौरव बढ़ाया। कुछ सदस्यों द्वारा अपनी पुस्तकें भी प्रदान की गई , उन सभी को नमन।
मित्रों जबलपुर की बहुत सी यादें हैं उन्हें आपसे साझा करता रहूंगा , पुनः सभी जबलपुर के साथियों को नमन।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
नव वर्ष सन्देश
मानव जीवन में कुछ पल हैं, उनका आलिंगन कर लें हम,
नववर्ष 2014 का “कीर्ति”, आओ अभिनन्दन कर लें हम।
संवादों को आधार बनाकर, मानवता जीवन में भर लें,
नववर्ष सन्देश यही है, राष्ट्र प्रेम में अंग-अंग रंग लें हम।
भ्रष्ट आचरण दूर करें, और शिक्षा के दीप जलाएं ,
अज्ञान को जड़ मिटाकर, शिक्षित देश बनाएँ हम।
बुद्धियोग को साथ मिलाकर, कर्म प्रधान बनाएँ,
गीता का है सार यही, जन-जन को आज बताएं हम।
बेटा-बेटी एक समान, दोनों हैं अपनी संतान,
संस्कारों की शिक्षा देकर, भारत का मान बढ़ायें हम।
भ्रूण हत्या, दहेज़ समस्या, इनसे घटता देश का मान,
नव वर्ष में यह सन्देश, घर घर तक पहुंचायें हम।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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