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Friday, December 20, 2013

muktak-asar meri chahat ka nahi

असर मेरी चाहत का नहीं, तेरे इश्क़ का था,
भरोसा मुझे खुद का नहीं, तेरी वफ़ा का था।
तुम चाहती रही मुझे उम्र भर, सब कुछ भुलाकर,
डर मुझको जमाने का नही, तेरे विश्वास का था।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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