Pages

Followers

Thursday, January 16, 2014

muktak-kam kimat me to mitti

कम कीमत में तो मिटटी के ढेर ही बिक पाते हैं,
हीरे की कद्र तो बस जौहरी ही कर पाते हैं।
बिकने की ठान ले कोई गर कौड़ी के मोल  तो,
बिकने वाले अपना ईमान घर रख कर जाते हैं।  

डॉ अ कीर्तिवर्धन

No comments:

Post a Comment