Pages

Followers

Friday, January 24, 2014

muktak-masrufiyat me bhi ham tumko yaad

मसरूफियत में भी हम तुमको याद रखते हैं,
रिश्ता कायम रहे, संवाद का प्रयास करते हैं।
जानते हैं आप चाहती हैं हमें सिद्दत से,
हमारे दिल पर भी तो आप ही राज करते हैं।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

No comments:

Post a Comment