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Wednesday, January 1, 2014

shubhkamnaa

आपकी शुभकामनाओं ने, मुझे तरंगित कर दिया,
रोम-रोम मेरा,  आपकी सहृदयता से भर गया।
सौम्यता के आलोक में, मन प्रदीप्त कर गया,
आपका स्नेह, मेरी आत्मा तक उतर गया।

आपको भी नववर्ष कि हार्दिक शुभकामनाएं।

 नव वर्ष सन्देश


मानव जीवन में कुछ पल हैं, उनका आलिंगन कर  लें हम,
नववर्ष 2014 का “कीर्ति”, आओ अभिनन्दन कर लें हम।

संवादों को आधार बनाकर, मानवता जीवन में भर लें,
नववर्ष सन्देश यही है, राष्ट्र प्रेम में अंग-अंग रंग लें हम।

भ्रष्ट आचरण दूर करें,  और शिक्षा के दीप जलाएं ,
अज्ञान को जड़ से मिटाकर, शिक्षित देश बनाएँ हम।

बुद्धियोग को साथ मिलाकर, कर्म प्रधान बनाएँ,
गीता का है सार यही, जन-जन को आज बताएं हम।

बेटा-बेटी एक समान, दोनों हैं अपनी संतान,
संस्कारों की शिक्षा देकर, भारत का मान बढ़ायें हम।

भ्रूण हत्या, दहेज़ समस्या, इनसे घटता देश का मान,
नव वर्ष में यह सन्देश, घर घर तक पहुंचायें हम।

डॉ अ कीर्तिवर्धन 

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