Pages

Followers

Thursday, February 20, 2014

muktak-mere hone se fark nahi baar baar kahati hai

मेरे होने से फर्क नहीं, बार-बार कहती है,
पहली मुलाक़ात की बात, बार-बार कहती है।
काफी है मेरे लिए, यूँ मेरे जिक्र का होना,
मेरी हर साँस, तेरी याद में बेकरार रहती है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन 

No comments:

Post a Comment