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Tuesday, March 18, 2014

7+7+5 kaa prayog

7 + 7 + 5  का एक प्रयोग किया है
आपका आशीर्वाद चाहिए, अचानक ही
कुछ लिखते समय सोचा इस तरह------



आज भी खिलते हैं
कपोलों पर रंग
शर्मो हया के।

आज भी खिलते हैं
अहसासों के फूल
प्यार वफ़ा के।

धड़कता है दिल
आने की आहट के
अहसास से।

झुक जाते नयन
सामने देखकर
मौन मुखर।  



डॉ अ कीर्तिवर्धन
लेखक-समीक्षक
राष्ट्र चिंतक



08265821800

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