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Wednesday, May 7, 2014

muktak-maatr divas

दोस्तों,

अभी पता चला कि आज मातृ दिवस है।  मैं आज तक यह नहीं समझ पाया हूँ कि हमारी संस्कृति मे तो हरपल माँ का सम्मान, बड़ों को आदर, छोटों के प्रति स्नेह का प्रावधान है, यह एक दिन सम्मान प्रकट करने और साल भर बिसरा देने की परम्परा कहाँ से आ गयी, विचार करें ----

कितनी घटिया हो गयी,  अब दुनिया की सोच,
कभी मनाया पितृ दिवस, कभी मातृ दिवस की सोच।
करना सबका मान प्रतिपल, संस्कार हमारा है,
पश्चिम जैसी एक दिवसीय,  नही हमारी  सोच।


डॉ अ कीर्तिवर्धन

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