सूरज को मत दोष दो, जलना उसका काम,
वन-वृक्ष काटें हैं जिसने, करो उसे बदनाम।
करो उसे बदनाम, धरती पर प्रदुषण फैलाते,
नदियों में गन्दगी मिला, दूषित उन्हें बनाते।
कहे “कीर्ति” सुनो गौर से, पढ़े-लिखे हो मूरख,
रोशनी-ऊर्जा बाँटता, जग का पालक सूरज।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
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