हिंदी के पैरोकार भगवती प्रसाद देवपुरा जी की स्मृति में -------
“भगवती“ की कृपा बनी, किया अन्त समय तक काम,
हिन्दी बने राष्ट्र की भाषा, सदा मिले इसको सम्मान।
जग में इसकी खुश्बू फैले, “हरसिंगार” बना मुकाम,
“देवपुरा” ने हिंदी खातिर,शुरू किया अनुपम अनुष्ठान।
हिंदी के सजग प्रहरी वह और मानवता के पैरोकार,
तीर्थस्थली नाथद्वारा, दी उसको भी नयी पहचान।
स्वयं समर्पित, ‘श्याम’ समर्पित, गढ़े नए-नए आयाम,
विश्व भाषा बनेगी हिंदी, इसका था उनको अनुमान।
साहित्य मण्डल नाथद्वारा, भाषा का पैरोकार बनाकर,
भगवती प्रसाद देवपुरा ने, अपना सब कुछ किया कुर्बान।
श्याम सखा तुम आगे आओ, ले मशाल बढ़ते जाओ,
राष्ट्र भाषा बनेगी हिंदी, विश्व में हो भारत का मान।
नरेन्द्र ने उदघोष किया था, भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा,
नरेन्द्र लेकर चल रहा है, विश्व पटल पर हिंदी गान।
संस्कृत की छोटी बहना, विश्व में पाएगी अब मान,
भारत बनेगा विश्व गुरु फिर, ‘कीर्ति’ को है इसका भान।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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