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Sunday, November 30, 2014

farebon ki muskaan hothon par sajaane vale

फरेबों की मुस्कान होठों पर सजाने वाले,
खुश नहीं रहते कभी, धोखा देने वाले।
सोचते जो सुखी रहना, दूसरों को सताकर,
रोते हैं तन्हाई में, औरों को दगा देने वाले।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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