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Thursday, November 13, 2014

main bharat hun-muktak

मैं भारत हूँ ------------------------

गीत हूँ, ग़ज़ल हूँ, कविता और छंद हूँ,
विविधता में एकता की, मशाल प्रचंड हूँ।
फूल यहाँ खिल रहे, अनेक रंग-खुशबू के,
पुष्प गुच्छ एक बना, विश्व की पसंद हूँ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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