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Tuesday, November 18, 2014

taji hava aati rahe, kamare me khidaki chahiye---ladaki cahiye


ताज़ी हवा आती रहे, कमरे में खिड़की चाहिए,
राहों से भटके कोई, बुजुर्गों की झिड़की चाहिए।
यूँ तो मर्यादाओं का पुजारी मैं रहा हूँ अरसे से,
संस्कारों का संरक्षण हो, घर में लड़की चाहिए।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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