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Wednesday, December 3, 2014

bhulungaa jab kabhi yaad to tab hi karungaa

भूलूंगा जब कभी, याद तो तब ही करूंगा,
बस गयी मेरे हृदय में, कैसे अब अलग रहूँगा ?
धड़कनों का यूँ धड़कना, जिंदगी का गीत है,
तुमको ही भुला अगर तो, मैं यहाँ जी न सकूंगा।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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