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Sunday, January 11, 2015

jinakaa na apnaa koi din imaan hota hai

मैं सभी धर्मो का सम्मान करता हूँ मगर
मैं हिन्दू हूँ और मुझे अपने हिन्दू होने पर गर्व है--------

जिनका न अपना कोई दीन- ईमान होता है,
वह आदमी नहीं फकत स्वार्थी शैतान होता है।
लुढ़कता है हर थाली में जो बैंगन की तरह,
ऐसे शख्स का नहीं कोई मुकाम होता है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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