Pages

Followers

Thursday, January 29, 2015

kuchh hote imaandar yahan

कुछ होते ईमानदार यहाँ, कुछ ईमानदार बन जाते हैं,
अपनी तारीफें खुद करते, जनता में भ्रम फैलाते हैं।
बेईमानों की बनी चौकड़ी, एन जी ओ में हित साधे,
सत्ता खातिर समझौता कर, लोकपाल बिसराते हैं।


डॉ अ कीर्तिवर्धन

No comments:

Post a Comment