भाजपा के गिरिराज जी द्वारा सोनिया जी के लिए जिस भाषा और शब्दों का प्रयोग किया गया वह सब अनावश्यक था, बिना वजह विवाद पैदा किया गया और हमारे देश के भाँड मीडिया व सभी विपक्षी दलों को तो मोदी व भाजपा के खिलाफ मुद्दा मिल गया। इन सभी लोगों की आत्मा तब क्यों मर जाती है जब कांग्रेस के सभी बड़े नेता, शरद यादव, लालू यादव भी इससे बदतर भाषा बोलते हैं। याद होगा जनाब फारुख अब्दुल्ला ने कांग्रेस की ही रेणुका चौधरी को “टंच माल “ कहा था। तब यह सब नैतिकता कहाँ थी ? हाल ही में कांग्रेस के ही बड़े नेता ने मोदी जी की माँ के लिए कहा था कि उनकी अस्थियां तो गंगा भी नहीं लेगी ? और तब कोई भी नेता और मीडिया नहीं बोला था। समझ लीजिये जब तक किसी की भी गलत बात का विरोध नहीं करोगे तब तक ऐसा ही होता रहेगा। नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले सिंघवी पर भी बलात्कार के आरोप लगे थे और आदरणीय तिवारी जी तो चर्चित हैं। तब कहाँ गयी थी नैतिकता ?
सभी ने विरोध किया और गिरिराज जी ने खेद प्रकट किया, बात ख़त्म हो जानी चाहिए वरना कीचड़ में पत्थर पड़ेंगे तो छींटे सफ़ेद कपड़ों को काला कर देंगे। इतिहास में जो लिखा गया वह अमिट होता है। उसके काले अध्याय को बार बार खोलना नहीं चाहिए। मुझे लगता है जितना गिरिराज ने नहीं कहा उससे ज्यादा तो दलाल मीडिया ने प्रचार कर दिया।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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