मोहब्बत के सागर में, तूफां बहुत आयेंगे,
विश्वास की नाव, लहरों से डगमगाएंगे।
भरोसा रखना खुद पर, पतवार पर अपनी,
सफीना ! लहरों से बचकर निकल जाएंगे।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
विश्वास की नाव, लहरों से डगमगाएंगे।
भरोसा रखना खुद पर, पतवार पर अपनी,
सफीना ! लहरों से बचकर निकल जाएंगे।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment