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Sunday, July 5, 2015

jadon se katakar koi darakht haraa nahi rahataa

जड़ों से कटकर कोई दरख़्त, हरा नहीं रहता,
माँ-बाप से बिछुड़ बच्चा, सहज नहीं पलता।
लाख इल्जाम लगाओ, मोहब्बत करने वालों पर,
बिन प्यार के, कोई मानवता की राह नहीं चलता।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

1 comment:

  1. प्रेम दिल मिएँ होना जरूरी है ... सच कहा ...

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