सुबह होते ही मैं चिरागों को बुझा दिया करता हूँ,
तम मिटाने के लिए फिर सँभाल दिया करता हूँ।
अहमियत है मेरे लिए जिंदगी में रिश्तों की बहुत,
बिसराये संबन्धों को भी मैं सुधार दिया करता हूँ।
तम मिटाने के लिए फिर सँभाल दिया करता हूँ।
अहमियत है मेरे लिए जिंदगी में रिश्तों की बहुत,
बिसराये संबन्धों को भी मैं सुधार दिया करता हूँ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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