आप शीशे से फौलाद की बात करते हो
दुश्मनों से दोस्ती का आगाज़ करते हो ,
मुमकिन नहीं बेवफा से वफ़ा का वादा ,
क्यों रात मे सूरज की बात करते हो।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
दुश्मनों से दोस्ती का आगाज़ करते हो ,
मुमकिन नहीं बेवफा से वफ़ा का वादा ,
क्यों रात मे सूरज की बात करते हो।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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