मैंने शब्दों में
भगवान को देखा
शैतान को देखा
आदमी तोबहुत देखे
पर
इंसान कोई कोई देखा।
इन्ही सब्दों में
मैंने प्यार को देखा
कदम कदम पर अंहकार भी देखा
धर्मात्मा तो बहुत देखे
पर
मानवता की खातिर
मददगार कोई कोई देखा।
इन्ही सब्दों में
मैंने चाह देखी
भगवान् पाने की
बुलंदियों पर जाने की
गिरते हुए भी मैंने बहुत देखे
पर गिरते को उठाने वाला
कोई कोई देखा।
इन्ही शब्दों में
भ्रष्टाचार को महिमा मंडित करते देखा
नारी की नग्नता को प्रदर्शित करते देखा
पर निर्लाजता पर चोट करते
कोई कोई देखा।
इन्हीशब्दों में
कामना करता हूँ इश्वर से
मुझे शक्ति दे
लेखनी मेरी चलती रहे
पर पीडा में लिखती रहे
पाप का भागी में banu
यश का भागी इश्वर रहे.
Apaki ye rachna bahut acchi lagi. isame ek hi shabd me sari chijon ko bayan karana bahut hi accha laga.
ReplyDeleteshabdon ka mahatva aur uspar ek achchee abhivyakti
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