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Thursday, May 27, 2010

anuttarit prashn

अनुत्तरित प्रश्न
पति से अलगाव के बाद
जब भी मेरा दो साल का बेटा
पिता को पूछता
मैं दिखा देती उसे
पानी मे चाँद
और बताती
पापा जल्द आयेंगे.
मैं नहीं जानती
कब तक नन्हे मन पर
झूठ की कालिख लगाती रहूंगी ?
अपने झूठे अहंकार की सजा
उस मासूम को क्यों?
यह प्रश्न
आज भी अनुत्तरित है.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
०९९११३२३७३२

3 comments:

  1. aham ki baadha na ho to rishto me algaav kaisa? achchhi rachna.

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  2. यह रचना मैने मेल पर पढी थी, बहुत कुछ सोचने पर मजबुर करती है, यह अहमं ही सब लडाई जगडो की जड है. रचना बहुत सुंदर
    अगर हो सके तो Word Verification इसे हटा दे. धन्यवाद

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  3. main aapka aabhari hun.aapki pratikriya se mujhe urja mili hai.mujhe nahi pata ki


    'vvord verification kaise hataya jayega,phir bhi prayas karunga.dhanyawad

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