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Saturday, October 13, 2012

वह एक शख्स था जो मुझको रह दिखा गया
बुत के माफिक मैं जिन्दा था इन्सां बना गया
क्या नाम दूँ उस अन्जान मुसाफिर को
इन्सां से भी बढ़कर मुझे फ़रिश्ता बना गया |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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