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Wednesday, October 31, 2012

dhundho nahi chirag

ढुंढो नहीं चिराग तुम अँधेरी रात में ,
जलाकर खुद को ,रोशन जहाँ करो |
तलाशों नहीं मंजिलें भटकती राहों में ,
खुदी को बुलंद करो,मंजिल बना करो |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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